सबसे ज्यादा डरावनी भूतनी की कहानी हिंदी में पढ़ें
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कहानियां पढ़ना हर किसी को पसंद है चाहे फिर आपकी उम्र कम हो या ज्यादा हो, बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी को कहानियां पढ़ना और सुनना काफी ज्यादा पसंद होता है, दोस्तों अगर आपकी उम्र ज्यादा है तो आपने अपने बचपन में अपने दादा दादी से या अपने किसी रिश्तेदार से कहानी जरूर सुनी होगी।
और आज के इस लेख में हम आपको आपका बचपन फिर से लौटा रहे हैं यानी कि आज के इस लेख में हमने आपको सबसे ज्यादा डरावनी भूतनी की कहानी बताई है, अब अगर आपको भूत का नाम सुनते ही डर लगता है तो ऐसे में हम आपसे निवेदन करेंगे कि आपको हमारे इस लेख को नहीं पढ़ना चाहिए।
या अगर आप भूत की कहानियां पढ़ना चाहते हैं और आपको भूतों से बिल्कुल भी डर नहीं लगता है तो यह bhayanak bhutni ki kahani आपके लिए अति उत्तम साबित होगी, यहां आपको काफी ज्यादा डरावनी एक ऐसी भूतनी की कहानी बताई है, जिसके एक नहीं बल्कि 2 सिर थे,
तो चलिए दोस्तों ज्यादा ज्ञान ना बांटते हुए हम सीधे कहानी की तरफ बढ़ते हैं जो कि कुछ इस तरह से है।
भयानक भूतनी की कहानी, कच्चे दिल वाले दूर रहे
2 सिर वाली भूतनी की कहानी
Bhootni ki kahani in hindi: एक काशीपुर नाम का गांव हुआ करता था, जिसके अंदर कुछ वर्षों से बारिश नहीं हो रही थी और इसके चलते गांव वालों ने अपनी समस्या पंचायत के सामने रखी, और पंचायत से गांव वालों ने कहा कि गांव में कुछ वर्षों से बारिश नहीं हो रही है और ऐसे में खेती करना तो दूर पीने का पानी भी नहीं बचा है।
और पानी भरने के लिए हमें काफी दूर कुए पर जाना पड़ता है, पंचायत ने जब गांव वालों की समस्याओं के ऊपर ध्यान दिया तो पंचायत की तरफ से गांव के बीच में एक हेड पंप लगवा दिया गया, इससे गांव वालों के पीने के पानी की समस्या दूर हो गई थी, पर गांव वालों को हेड पंप के लगने के बाद अनचाही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था साथ ही गांव के अंदर रात के वक्त कोई भी घर से बाहर नहीं निकलता था।

क्योंकि दोस्तों जब से गांव के अंदर हेडपंप लगा था तो रात के समय उस हेडपंप से डरावनी आवाजें आया करती थी, जैसे कि- किसी के रोने की आवाज, कोई आवाज देकर मदद के लिए अपने पास बुला रहा हो, चीखने चिल्लाने की आवाज तथा तरह-तरह की आवाजें उस हेडपंप से आया करती थी।
और इसी के साथ साथ हर दिन रात को 12:00 बजे बाद हेडपंप अपने आप ही चला करता था, जिसे देख हर कोई डर जाता और रात को कभी अपने घर से बाहर नहीं आता, यहां तक कि कुछ दिनों बाद तो लोग दिन में भी उस हेड पंप के पास जाने से डरने लगे।
क्योंकि कुछ दिनों तक तो रात में सिर्फ हैंडपंप से अजीब अजीब आवाजें ही आया करती थी, पर लगभग 10 से 15 दिन के बाद अब हेड पंप के आसपास खून के छींटे और इंसानी पैरों के निशान से 4 गुना बड़े निशान नजर आने लगे थे।
अब पूरे गांव के अंदर एक सन्नाटा सा छा गया था और लोग काफी ज्यादा डर चुके थे, क्योंकि जहां पर वह बोरिंग बनाया गया था उस जमीन के नीचे एक चुड़ैल दबी हुई थी जो कि बोरिंग के लगने के बाद वह वहां से आजाद हो चुकी थी, और अब सभी गांव वालों को परेशान कर रही थी।
ऐसे में उस गांव के अंदर एक शहरी आदमी आकर रहने लगा था जो कि भूत प्रेतों के अंदर विश्वास नहीं करता था और उस व्यक्ति का गांव वालों से कहना था कि यह जरूर किसी इंसान का ही किया धरा है, जो कि सभी गांव वालों को डराने के लिए यह सब कर रहा है,
और इसका पता मैं आज रात 12:00 बजे लगा कर रहूंगा, यह सब कह कर वह आदमी वहां से चला जाता है और डरे सहमें सभी लोग भी वहां से अपने घरों के अंदर चले जाते हैं इसके बाद जैसे ही फिर से रात होती है और रात के 12:00 बजते हैं तो उस हेडपंप से वापस तरह-तरह की आवाजें आने लगती है।
इसके बाद वह शहरी आदमी अपने घर का दरवाजा खोल बाहर उस बोरिंग की तरफ बढ़ता है, और जब वह बोरिंग के पास जाता है तो उसे हेड पंप के पास कोई खड़ा हुआ नजर आता है और यह देख कर वह शायरी आदमी काफी धीरे-धीरे, दबे पांव उस बोरिंग के पास जाता है और सोचता है कि मैं अगर भागकर उसके पास गया तो वह वहां से भाग जाएगा इसलिए वह धीरे-धीरे छुप-छुपकर उस बोरिंग के पास जाता है।
और फिर वह शहरी आदमी बोरिंग के बिल्कुल पास जाकर देखता है कि उसके सामने कोई अपनी पीठ किए एक औरत खड़ी होती है और वह बोरिंग को लगातार दबा रही होती है ऐसे में वह शहरी आदमी उस औरत से कहता है कि कौन हो तुम जो रात के 12:00 बजे इस बोरिंग को दबा रही हो।
जैसे ही वह शहरी आदमी यह शब्द बोरिंग के पास खड़ी उस औरत से कहता है, तो वह औरत बिना अपना शरीर हिलाए अपनी गर्दन को पूरा का पूरा पीछे की ओर मोड़ देती है, इसके बाद शहरी आदमी देखता है कि यह कोई औरत नहीं बल्कि सचमुच एक भूतनी है जिसके एक नहीं बल्कि 2 सिर है।
यह देखकर वह शहरी आदमी पूरी तरह से घबरा जाता है और उसके पसीने छूटने लगते हैं साथ ही उसका पूरा शरीर कांपने लगता है, तब भूतनी उसे देख जोर-जोर से हंसने लगती है और कहती है कि मैं हर रोज यहां आती हूं पर कोई भी घर से बाहर ही नहीं निकलता है मैं काफी दिनों से भूखी हूं और आज मैं तुम्हें नहीं छोडूंगी मैं तुम्हें पूरा कच्चा ही खा जाऊंगी।
यह सुनकर वह शहरी आदमी अपने घुटनों के बल बैठकर उस भूतनी से हाथ जोड़ विनती करता है कि कृपया आप मुझे छोड़ दें, मुझे लगा था कि कोई व्यक्ति रात को आकर यह हेड पंप दबाता है और गांव वालों को डराता है पर मुझे नहीं पता था कि यहां सचमुच एक भूतनी होगी, कृपया आप मुझे जाने दे और मुझे छोड़ दे।
पर भूतनी को उसकी बात कहां सुननी थी उसने तो उस शहरी आदमी की गर्दन को उसके धड़ से अलग कर उसे पूरा का पूरा कच्चा ही चबा गई, इसके बाद दूसरे दिन गांव वाले जब अपने घरों से बाहर निकले तो उन्होंने हेड पंप के पास देखा कि वहां काफी सारा खून जमीन पर पड़ा है और उस शहरी आदमी के कपड़े खून से सने हुए पड़े हुए हैं,
साथ ही उस बोरिंग के पास एक इंसानी हड्डियों का ढांचा भी पड़ा हुआ दिखाई देता है। जिसे देखकर सभी गांव वाले काफी ज्यादा डर जाते हैं और उस शहरी आदमी को तलाश करने लगते हैं कि क्या सचमुच वह भूतनी उस शहरी आदमी को तो नहीं खा गई जब वह पूरे गांव में तलाश कर लेते हैं और उन्हें उस शहरी आदमी का कहीं कोई पता नहीं चलता है।
तो गांव वाले समझ जाते हैं कि बोरिंग के पास मिला खुन और वह हड्डियों का ढांचा उस शहरी आदमी का ही है जिसे वह भूतनी खा गई है, इसके बाद सभी गांव वाले मिलकर यह फैसला लेते हैं, कि अबसे ना तो रात के वक्त कोई भी बाहर निकलेगा और ना ही कोई इस हेड पंप से पानी भरेगा, और यह फैसला सभी गांव वालों को मंजूर होता है,
इसके बाद फिर से रात का समय होता है और सभी गांव वाले अपने घरों में बंद हो जाते हैं और फिर रात को 12:00 बजे बाद उस हेडपंप पर वह भूतनी आ जाती है और उस हेडपंप को फिर से दबाने लगती है पर इस बार कोई भी घर से बाहर नहीं निकलता है और ना ही किसी घर से कोई भी आवाज आती है।
यह देख वह भूतनी सोचती है कि लगता है सभी गांव वाले अब सचेत हो गए हैं और अब कोई भी घर से बाहर नहीं निकलेगा पर उसने तो एक रात पहले ही एक शहरी आदमी का खून चक लिया था, जिसके बाद उसकी भूख और भी ज्यादा बड़ चुकी थी, जिसे शांत करने के लिए वह एक घर के सामने जाती है और उस शहरी आदमी की आवाज निकाल कर मदद की गुहार लगाती है।
उस घर के अंदर एक बुजुर्ग महिला रहा करती थी जो कि वह मदद की गुहार सुन अपने घर के बाहर आ जाती है, और वह बुजुर्ग महिला घर के बाहर निकलते ही उस भूतनी को सामने देखकर काफी ज्यादा डर जाती है, और भूतनी मौके का फायदा उठाकर उस बुजुर्ग महिला को भी मारकर खा जाती है।
सुबह होते ही फिर से गांव वाले अपने घरों के बाहर निकलते हैं और उस बुजुर्ग महिला कि घर के आगे खून और हड्डियों का ढांचा देखकर वह समझ जाते हैं कि कल रात वह भूतनी इस बुजुर्ग महिला को खा चुकी है, यह देखकर गांव वाले और भी ज्यादा डर जाते हैं और कुछ लोग तो गांव छोड़कर जाने की बात करते हैं तभी वहां पर एक व्यक्ति काफी समझदार था,
जिसने इस पूरी वारदात का पता लगाने के लिए एक उपाय सोचा और गांव वालों को कह कर उसने अपने मोबाइल के अंदर वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू करके एक पेड़ के ऊपर रख दिया और मोबाइल का कैमरा उस पानी के हेड पंप की तरफ कर दिया।
इसके बाद दूसरे दिन जब रात होती है तो फिर से वह भूतनी रात के 12:00 बजे उस हेड पंप के पास आकर उसे दबाने लगती है और उस शहरी आदमी तथा बुजुर्ग महिला की आवाज निकाल कर गांव वालों से मदद की गुहार लगाती है, पर इस बार कोई भी गांव वाला अपने घर से बाहर नहीं आता है।
यह देख भूतनी काफी ज्यादा चिंतित हो जाती है, वह बोलती है कि ऐसे तो मैं भूखे ही रह जाऊंगी, और कहती है कि यह गांव वाले अब इस बोरिंग से पानी नहीं भर रहे हैं और अब सभी कुवे से पानी खींचकर निकाल रहे हैं तो यह विचार कर रहे भूतनी उस कुए के अंदर जाकर बैठ जाती है और सोचती है जब भी कोई इस कुएं के अंदर पानी भरने आएगा तो मैं उसे खींचकर इस कुएं में ढकेल लूंगी और उसे खाकर अपनी भूख शांत करूंगी।
यह सब कह कर वह भूतनी उस हेड पंप के पास से चली जाती है, और उस कुए के अंदर जाकर बैठ जाती है। इसके बाद जब फिर से सुबह होती है तो सभी गांव वाले एक जगह इकट्ठा होते हैं और जिस पेड़ पर उन्होंने मोबाइल में वीडियो रिकॉर्डिंग लगाकर छिपाया था उसे निकाल कर देखते हैं तो उस वीडियो के अंदर वह भूतनी उन्हें नजर आती है।
जिसे देखकर गांव वाले काफी ज्यादा डर जाते हैं पर जब वह गांव वाले उस वीडियो को पूरा देखते हैं तो उस वीडियो के अंदर भूतनी द्वारा कही गई बातें सुनाई देती है और वह समझ जाते हैं कि भूतनी अब कुए के अंदर जाकर छुप गई है, और सभी गांव वाले सोचते हैं कि इससे अच्छा मौका हमें फिर नहीं मिलेगा भूतनी को मारने का।
और इस बात पर सभी गांव वाले सहमत होकर यह फैसला लेते हैं कि वह उस कुए के अंदर आग लगा देंगे जिससे कि वह भूतनी उस कुए के अंदर ही जलकर मर जाए, इसके बाद सभी गांव वाले अपने घरों से मिट्टी का तेल लकड़ियां फटे पुराने कपड़े इत्यादि जलने वाली सभी वस्तुएं लेकर उस कुएं के पास पहुंच जाते हैं।
और जैसे ही वह कुए के अंदर देखते हैं तो उस कुए के अंदर उन्हें वह भूतनी बैठी हुई नजर आती है। जिसके ऊपर सभी गांव वाले मिलकर लकड़िया फेंकते हैं और मिट्टी के तेल की बारिश कर फटाफट उस कुए के अंदर आग लगा देते हैं, जिससे वह भूतनी उस कुए के अंदर ही जलकर राख हो जाती है। इसके बाद सभी गांव वाले चैन की सांस लेते हैं और उस भयानक सी दिखने वाली भूतनी से छुटकारा पाते हैं।
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