न्याय करने वाला ही निकला भारत का सबसे बड़ा चोर
दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको भारत का सबसे बड़ा चोर की गिनती में गिने जाने वाला एक ऐसा चोर बताया है, जिसने जज की कुर्सी पर बैठकर सही और गलत का फैसला किया है, जिस चोर को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए था, उसने जज की कुर्सी पर बैठकर दूसरे काफी मुजरिमों को रिहा किया है।
आप सभी में से बहुत से लोग यह सोच रहे होंगे कि आखिर एक चोर जज की कुर्सी पर कैसे बैठ सकता है पर आपकी जानकारी के लिए बता दें भारत के एक ऐसे ही चोर ने यह कारनामा करके दिखाया है, जिसकी पूरी जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से दी गई है।
Bharat ka sabse bada chor kaun hai | हिंदुस्तान का सबसे बड़ा चोर कौन है?
दोस्तों आप में से काफी लोगों ने गूगल पर यह जरूर सर्च किया होगा कि “india ka sabse bada chor kaun hai” और जब आप यह सर्च करते हैं, तो गूगल पर आपको भारत के सबसे बड़े चोर की सूची में “धनीराम मित्तल” का ही नाम मिला होगा।

पर क्या आपको पता है धनीराम मित्तल भारत का सबसे बड़ा चोर कैसे बना, इस ने ऐसा क्या किया कि इसे भारत के सबसे बड़े चोर का दर्जा मिला है आइए जानते हैं।
धनीराम मित्तल भारत का सबसे बड़ा चोर कैसे बना | धनीराम मित्तल के जज बनने की कहानी
धनीराम मित्तल को बचपन से ही चोरी चकारी की आदत पड़ गई थी, शुरुआत में तो इसे चोरी करने पर काफी अधिक सफलता मिल रही थी क्योंकि लगभग 25 साल की उम्र से पहले तक यह छोटी-मोटी चोरियां किया करता था।
पर जैसे जैसे ही इसकी उम्र बढ़ती गई वैसे-वैसे इसके मन का लालच भी बढ़ता गया और इसने बड़ी बड़ी चोरियां करने की सोची, 25 साल की उम्र के बाद इसने बड़ी चोरियां करना शुरू कर दिया। और इसके चलते वर्ष 1996 में धनीराम मित्तल चोरी के इल्जाम में पहली बार पुलिस के हाथों पकड़ा गया था।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें, आज भारतीय इतिहास के अंदर सबसे ज्यादा चोरी करने का रिकॉर्ड धनीराम मित्तल के ही नाम है और यह अपनी पूरी जिंदगी में इतनी बार जेल गया है कि यह कह पाना भी मुश्किल है कि इसने कुल कितनी चोरियां की है।
पर जब बार-बार यह चोरी करते हुए पकड़ा जाता था तो जज के द्वारा सजा सुनाई जाती थी और ऐसे में इसने यह फैसला कर लिया कि अगर मैं ही जज बन जाऊं तो ऐसे में मुझे फिर कौन सजा सुनाएगा। और अपनी यह धारणा लिए इसने जज की नकली डिग्रियां बनवाई।
और नकली डिग्रियां हासिल करके यह जज की कुर्सी पर भी बैठ गया और लगभग लगातार दो महीनों तक जज की कुर्सी पर बैठकर मुजरिमों को सजा देने के बजाय उन्हें बाइज्जत रिहा करता रहा, जब वकीलों को इस पर शक हुआ कि यह जज होने के बावजूद भी गलत फैसले कैसे दे सकता है।
तो ऐसे में वकीलों के द्वारा इस पर सरकारी कार्यवाही की गई जिसमें धनीराम मित्तल के ऊपर इंक्वायरी बैठाई गई थी, और जब धनीराम मित्तल की इंक्वायरी की गई तो उसमें धनीराम मित्तल की जज की डिग्रियां फर्जी पाई गई।
पर जब तक धनीराम मित्तल का असली सच सबके सामने आया तब तक धनीराम मित्तल शहर छोड़कर भाग चुका था, और आज भी किसी को पता नहीं है कि धनीराम मित्तल कहां है, बाद में धनीराम मित्तल के द्वारा कोर्ट में जितने भी फैसले सुनाए गए थे उनके ऊपर फिर से जांच शुरू की गई।
हमें उम्मीद है अब आपको पता चल गया होगा कि आखिर धनीराम मित्तल भारत का सबसे बड़ा चोर क्यों है।
FAQ’s: आपके पूछे गए सवालों के जवाब
Q1: धनीराम मित्तल कितने समय तक जज बना था?
Ans: धनीराम मित्तल लगभग 2 महीनों तक जज की कुर्सी पर बैठा था।
Q2: धनीराम मित्तल को पहली बार पुलिस ने कब पकड़ा था?
Ans: पुलिस ने धनीराम मित्तल को एक चोरी के इल्जाम में वर्ष 1996 में पकड़ा था।
Q3: धनीराम मित्तल कहां है?
Ans: धनीराम मित्तल की आज कोई भी खोज खबर नहीं है, किसी को नहीं पता कि धनीराम मित्तल कहां गया।
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