Ketki ka phool kaisa hota hai: केतकी का फूल कैसा होता है?, भगवान शिव को क्यों नहीं चढ़ाया जाता केतकी का फूल
Ketki ka phool kaisa hota hai, केतकी का फूल कैसा दिखता है?, केतकी का पेड़ कैसा होता है?, क्यों मिला था भगवान शिव से केतकी के फूल को श्राप पूरी कहानी यहां पढ़ें।
केतकी के फूल की खुशबू काफी ज्यादा मनमोहक होती है, और यह मुख्य रूप से भारत में ही पाया जाता है, हमारे हिंदू धर्म में केतकी के फूल से जुड़ी कई प्रथाएं शामिल है जिसमें से एक भगवान शिव को कीमती का फूल कभी भी नहीं चढ़ाया जाता है क्योंकि भगवान शिव ने केतकी के फूल को श्राप दिया था।
और आज के इस लेख में हम आपको केतकी का फूल कैसा होता है, भगवान शिव को क्यों नहीं चढ़ाया जाता केतकी का फूल, क्या श्राप मिला था केतकी के फूल को, केतकी का फूल कौन से पेड़ पर आता है, तथा केतकी के फूल को अन्य भाषाओं में क्या कहते हैं, इत्यादि केतकी के फूल से संबंधित आपको यहां संपूर्ण जानकारी दी गई है।
दोस्तों यदि आप ketki ka phool से जुड़ी सभी जानकारी पढ़ना चाहते हैं तो हमारे इस लेख में अंत तक बने रहें हम आपको आश्वासन देते हैं कि यहां आपको वह सभी जानकारी मिल जाएगी जिसे आप गूगल पर तलाश कर रहे हैं तो आइए जानते हैं केतकी के फूल का इतिहास क्या है?

केतकी का फूल कैसा होता है, वह कैसा दिखता है? (Ketki ka phool kaisa hota hai)
केतकी के फूल की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके फूलों को खेलते हुए देखना काफी मुश्किल होता है, केतकी के फूल सदाबहार नहीं होते हैं यह मौसम के अनुसार ही आते हैं, केतकी के फूलों का आकार काफी छोटा होता है जो की देखने में काफी ज्यादा सुंदर लगते हैं।
तथा इन फूलों की खुशबू मन लुभाने वाली होती है, केतकी के फूलों का रंग सफेद और पीला होता है अर्थात केतकी के फूल मैं दो कलर होते हैं पीला और सफेद, जोकि शांति का प्रतीक माना जाता है, केतकी के फूलों में सफेद रंग के फूल को केवड़ा कहा जाता है, और जो पीले रंग का फूल होता है उसे सुवर्ण केतकी कहा जाता है।
केतकी के फूलों में पांच पत्तियां होती हैं, तथा केतकी के फूल भारतीय मिट्टी में आसानी से उग जाते हैं, और इसे भारतीय मिट्टी में खिलने वाले पुष्पों में से एक माना जाता है।
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Ketki Flower Photo, केतकी के फूल की फोटो | केतकी का फूल कैसा दिखता है?
Ketki ka phool kaisa dikhta hai: दोस्तों जैसा कि हमने अभी आपको बताया केतकी का फूल सफेद और पीले रंग का होता है इस फूल के कुल 5 पत्तियां होती हैं, यह फूल दिखने में काफी ज्यादा सुंदर होता है और साथ ही इसकी खुशबू बहुत ही मीठी और मन लुभावनी होती है।
यहां हमने आपके साथ केतकी के फूलों की फोटो साझा की हैं जिन्हें आप देख सकते हैं।
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केतकी का फूल कब आता है व इसका पेड़ कैसा दिखाई देता है?
केतकी का फूल कब आता है?: केतकी का फूल गर्मी के महीनों में खिलता है, इसे आम तौर पर अप्रैल से सितंबर तक देखा जा सकता है, जब तापमान उच्च होता है और धूप मैं काफी ज्यादा तेजी होती है, इस फूल की खुशबू और सुंदरता गर्मियों में लोगों का मन मोह लेती है, यह पौधा समय रहते धूप और अच्छे पोषण के साथ विकसित होता है और इससे अधिक फूलों की खिलने की संभावना होती है।
केतकी का पेड़ कैसा होता है?: केतकी का पेड़ एक मध्यम आकार का वृक्ष होता है इसकी ऊँचाई लगभग 4 मीटर 12 फीट तक हो सकती है।
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केतकी का फूल कहां पाया जाता है? (Ketki ka phool kaha paya jata hai)
केतकी का फूल एक बहुत ही खास और रहस्यमय पुष्प है, जिसे खिलता हुआ नहीं देखा जा सकता है, यह फूल भारत के अलग-अलग भू-भागों में पाया जाता है, लेकिन इसकी असली खोज राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों और मध्य प्रदेश के वनों में की गई थी।
केतकी के फूल काफी छोटे होते हैं, जिनके फूलों की खुशबू से सभी का मन प्रसन्न हो जाता है, इन फूलों की खुशबू से मन को शांति प्राप्त होती है तथा हमारे अंदर प्रेम की भावना उत्पन्न होती है, दोस्तों यदि आपने केतकी के फूल नहीं देखे हैं और इनकी खुशबू को महसूस नहीं किया है, तो ऐसे में हमारे इस लेख को पढ़ने के बाद जरूर आपकी इच्छा इन फूलों को देखने की हो रही होगी।
इसके लिए हम आपको बता दें, केतकी का फूल आपको रेगिस्तान की खाली जगहों, वनों, राजस्थान के पर्यटन बाग, मंदिर और फूलों के मार्केट में आसानी से दिखाई दे जाएंगे, इन जगहों पर जाकर आप केतकी के फूलों को देख सकते हैं और उनकी खुशबू को महसूस कर सकते हैं।
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केतकी का पौधा कैसे होता है? (Ketki ka phool ka ped kaisa hota hai)
केतकी का पौधा, जिसे वैज्ञानिक भाषा में “प्लुमेरिया” नाम से जाना जाता है, यह एक सुंदर और सुगंधित पौधा है जो वृक्ष के रूप में विकसित होता है, यह गर्म और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
केतकी का पौधा छोटे से वृक्ष के रूप में उगता है जिसकी ऊँचाई लगभग 5 फुट तक होती है, इसकी पत्तियाँ बड़ी, संतृप्त और गहरे हरे रंग की होती हैं। पत्तियों की धार पर दानेदार सूखे बिंदुएं होती हैं, जो किसी विशेष समय में खिलकर फूल बन जाते हैं।
केतकी के फूल छोटे आकार के होते हैं और सफेद, पीले, गुलाबी या लाल रंग के हो सकते हैं, इनकी खुशबू बेहद मधुर और आकर्षक होती है, ये फूल गर्मी के महीनों में खिलते हैं और बगीचे में एक आकर्षक दृश्य प्रदान करते हैं।
केतकी पौधे को छाया और धूप दोनों में अच्छी तरह से उगाया जा सकता है, इसके लिए उचित देखभाल करने और प्रकृतिक रूप से पोषण करने की आवश्यकता होती है।
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केतकी के फूलों को अंग्रेजी में क्या कहते हैं? (ketki ka phool in english)
Ketki in English: अंग्रेजी भाषा में केतकी के फूलों को “फ्रेग्रेंट स्क्रूपाइन” (Fragrant Screw-pine) कहते हैं, साथ ही केतकी के पेड़ को अंग्रेजी में “अम्ब्रेला ट्री” (Umbrella Tree) और “स्क्रू ट्री” (Screw Tree) कहा जाता है।
तथा केतकी का साइंटिफिक नाम “पैंडनस ओडोरिफर” (Pandanus odorifer) है, तथा सामान्य भाषा में इसे केवड़ा भी कहा जाता है।
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केतकी का फूल भगवान शिव को क्यों नहीं चढ़ाया जाता है?
दोस्तों भगवान शिव को आप हर तरह के फूल चढ़ा सकते हैं परंतु केतकी का फूल भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है इसके पीछे एक बहुत ही लंबी कहानी है, जो आपको शिव पुराण में लिखी हुई मिल जाएगी।
और आपकी जानकारी के लिए हम आपको यहां भगवान शिव को केतकी का फूल क्यों नहीं चढ़ाया जाता है इसकी जानकारी देते हुए बता दे शिवपुराण में लिखे अनुसार एक बार सभी देवों में यह बात छिड़ गई की त्रिदेव में यानी कि भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा में सबसे सर्वश्रेष्ठ कौन हैं।
यह विवाद इतना बड़ा हो गया था कि इसका हल ना निकलने पर सभी देवों के बीच भगवान शिव शंकर पहुंच गए, और उन्होंने 1 ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति की और सभी से कहा कि जो भी ज्योतिर्लिंग का आदि और अंत खोज लेगा अर्थात ज्योतिर्लिंग की शुरुआत और इसका अंत पता कर लेगा वह सबसे सर्वश्रेष्ठ कहलाएगा।
और इस तरह सबसे सर्वश्रेष्ठ का निर्णय निकालने के लिए भगवान विष्णु ज्योतिर्लिंग का अंत खोजने की ओर बढ़ गए, तथा ब्रह्मा जी ज्योतिर्लिंग का आदि अर्थात ज्योतिर्लिंग की शुरुआत कहां से हो रही है इस बात का पता लगाने के लिए आगे बढ़ गए।
लाखों प्रयत्न करने के बाद जब भगवान विष्णु को ज्योतिर्लिंग का अंत नहीं प्राप्त हुआ तो ऐसे में वह अपनी हार स्वीकार कर भगवान शिव के पास पहुंचे और उनसे कहा कि मुझे इस ज्योतिर्लिंग का अंत नहीं मिला, पर वहीं दूसरी ओर ब्रह्मा जी ज्योतिर्लिंग की शुरुआत कहां से हो रही है, इसका पीछा करते-करते वह एक ऐसे स्थान पर पहुंच गए जहां केतकी का फूल लगा हुआ था।
ब्रह्मा जी ने एक युक्ति लगाते हुए केतकी के फूल को कुछ लालच देकर भगवान शिव के समीप झूठ बोलने के लिए मना लिया, की ब्रह्मा जी ने ज्योतिर्लिंग की शुरुआत खोज ली है, और इसके बाद ब्रह्मा जी केतकी के फूल को लेकर भगवान शिव के पास गए और ब्रह्मा जी ने महादेव से कहा कि उन्होंने ज्योतिर्लिंग की शुरुआत का पता लगा लिया है,
और इस बात की गवाही केतकी के फूल से शिव जी को दिलवाई, केतकी के फूल ने भी झूठ बोलते हुए भगवान शिव को कहा कि ब्रह्मा जी सच कह रहे हैं इन्होंने ज्योतिर्लिंग की शुरुआत पता कर ली है।
केतकी के फूल को मिला महादेव का श्राप: महादेव को इस बात का पूरा पता था कि ब्रह्मदेव उनसे झूठ बोल रहे हैं, और ब्रह्मा जी के भगवान शिव को झूठ बोलने के कारण, शिवजी काफी ज्यादा क्रोधित हो गए और उन्होंने झूठ बोलने के लिए ब्रह्मा जी का एक सिर काट दिया।
इसके बाद ब्रह्मा जी पांच मुख की जगह चार मुख के हो गए थे, और वहीं दूसरी तरफ केतकी के फूल के द्वारा झूठ बोलने के लिए भगवान शिव ने केतकी के फूल को यह श्राप दिया कि आज से तुम मेरी पूजा अर्चना में इस्तेमाल नहीं किए जाओगे।
और इसी श्राप के कारण आज केतकी का फूल भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है, दोस्तों हम उम्मीद करते हैं अब आपको समझ आ गया होगा कि केतकी का फूल भगवान शिव को नहीं चढ़ाने का कारण क्या है।
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केतकी के अन्य नाम क्या है?
केतकी का वैज्ञानिक नाम Plumeria है, केतकी को अंग्रेजी में “Frangipani” कहा जाता है। इसके अलावा इसे भारतीय भाषाओं में भी विभिन्न नामों से जाना जाता है, यहां कुछ भारतीय भाषाओं में केतकी के अन्य नाम क्या है इसके कुछ उदाहरण दिए गए हैं –
भाषा | केतकी के फूल के अन्य नाम |
---|---|
हिंदी | चम्पा (Champa) |
बंगाली | चम्पक (Champak) |
मराठी | चाफा (Chafa) |
तमिल | சம்பங்கி (Champangi) |
कन्नड़ | ಸಂಪಿಗೆ (Sampige) |
तेलुगु | చంపా (Champa) |
मलयालम | ചമ്പ (Chambaka) |
संस्कृत | चम्पकः (Champakah) |
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केतकी के फूलों का क्या उपयोग है?
#1: पूजा और धार्मिक आयोजन मे
केतकी के फूल भगवान शिव के अलावा अन्य सभी देवी देवताओं के पूजा पाठ में इस्तेमाल किए जाते हैं।
#2: औषधीय उपयोग
केतकी के फूलों के छाल का उपयोग दवाईयों और चिकित्सा में किया जाता है, इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो कुछ स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
#3: परफ्यूम और इत्र बनाने में
केतकी के फूल काफी ज्यादा सुगंधित होते हैं और केतकी के फूलों का उपयोग इत्र और परफ्यूम बनाने में होता है, तथा केतकी के फूलों की खुशबू का उपयोग भगवान के लिए चढ़ाई गई अगरबत्ती और धूप बत्ती बनाने में भी किया जाता है
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People also ask: आपके पूछे गए प्रश्न
Q : केतकी और केवड़ा के फूल कैसे दिखते हैं?
Ans: केतकी के फूलों को सामान्य भाषा में केवड़ा भी कहा जाता है अर्थात केतकी ओर केवड़ा एक ही फूल का नाम है, अतः यह फूल दिखने में काफी छोटे, सफेद और पीले रंग के होते हैं।
Q : केतकी का फूल का दूसरा नाम क्या है?
Ans: केतकी के फूलों का दूसरा नाम “केवड़ा” है, केतकी के फूलों को केवड़ा के नाम से भी जाना जाता है।
Q : केतकी के फूल को हिंदी में क्या कहते हैं?
Ans: केतकी के फूल को हिंदी में केवड़ा कहते हैं।
Q : केतकी और चंपा के फूल में क्या अंतर है?
Ans: केतकी और चंपा के फूल दिखने में एक समान ही होते हैं पर केतकी के फूल सफेद और पीले रंग के दिखाई देते हैं जबकि चंपा के फूल बीच में से थोड़े पीले और बाकी का हिस्सा उनका सफेद होता है।
Q : शिव से कौन सा फूल झूठ बोला था?
Ans: भगवान शिव से केतकी के फूल ने झूठ बोला था, और केतकी के फूल द्वारा भगवान शिव को बोले गए झूठ की पूरी कहानी हमने ऊपर इस लेख में आपके साथ साझा की है।
Q : शिवलिंग पर कौन सा फूल नहीं चढ़ाया जाता है?
Ans: शिवलिंग पर केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता, क्योंकि भगवान शिव के द्वारा केतकी के फूल को यह श्राप मिला था कि उसका उपयोग कभी भी भगवान शिव की अर्चना में नहीं होगा।
Q : शिव जी पर कौन सा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए?
Ans: शिवजी को केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता है।
Q : केतकी के फूल के पत्ते कैसे होते हैं?
Ans: केतकी के फूल की पत्तियां काफी ज्यादा चमकदार होती हैं और इसके फूलों की लंबाई 40 सेंटीमीटर से 70 सेंटीमीटर तक होती है तथा इसकी पत्तियों का रंग नीला और हरा होता है।
Q : क्या हम भगवान को चंपा का फूल चढ़ा सकते हैं?
Ans: जी नहीं, भगवान शिव को केतकी के फूल नहीं चढ़ाए जाते हैं।
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