भारत का पहला हिंदू गैंगस्टर मन्या सुर्वे का जीवन परिचय
आज की पोस्ट में आपको अंडरवर्ल्ड डॉन (Manya surve) “मन्या सुर्वे” उर्फ “मनोहर अर्जुन सुर्वे” के बारे में बताया गया है, जो कि काफी ज्यादा पढ़ा लिखा हिंदू धर्म का पहला गैंगस्टर बना था,
दोस्तों आप सभी में से बहुत ही कम लोगों ने “manya survey” का नाम सुना होगा, पर यदि आप अगर मन्या सुर्वे के बारे में नहीं जानते हैं, तो आपको हमारे “history of manya surve” पोस्ट को पूरा पढ़ना चाहिए, यहां आपके साथ मन्या सुर्वे का पूरा जीवन परिचय बताया गया है।

Manya surve का परिचय
नाम | मन्या सुर्वे |
वास्तविक नाम | मनोहर अर्जुन सुर्वे |
जन्म | 1944 |
जन्म स्थान | महाराष्ट्र |
पिता का नाम | ज्ञात नहीं |
माता का नाम | ज्ञात नहीं |
स्कूल | ज्ञात नहीं |
कॉलेज | कीर्ति कॉलेज |
ग्रेजुएशन | BA |
मृत्यु | 11 जनवरी 1982 |
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मन्या सुर्वे का जन्म कब और कहां हुआ था?
मन्या सुर्वे का जन्म “भारत के महाराष्ट्र राज्य के रत्नागिरी कोकण क्षेत्र के पावस जिले के पास रंपर गांव” में साल 1944 में एक हिंदू परिवार के अंदर हुआ था।

मन्या सुर्वे की शिक्षा
मन्या सुर्वे ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई रंपत गांव से की थी, इसके बाद उसने अपनी आगे की पढ़ाई मुंबई के “कीर्ति कॉलेज” से प्राप्त की थी, मन्या सुर्वे ने BA कंप्लीट किया था।
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मन्या सुर्वे का परिवार (Manya survey family)
दोस्तों मन्या सुर्वे के परिवार से रिलेटेड हमने इंटरनेट पर काफी ज्यादा रिसर्च की है, पर हमें “manya survey” के परिवार के बारे में कोई भी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है,
पर जब भी हमे मन्या के परिवार से रिलेटेड कोई भी जानकारी प्राप्त होती है, तो उसे हम यहां अपडेट कर देंगे।
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मन्या सुर्वे लाइफ स्टाइल (history of manya surve)
मन्या सुर्वे का रहने, खाने, पीने का स्टाइल काफी सिंपल था, पर उसे काले कलर का चश्मा लगाना काफी ज्यादा पसंद था, मन्या को किसी के आगे झुकने से काफी ज्यादा नफरत थी, वह किसी के आगे नहीं झुकता था फिर चाहे वह कोई भी हो।
कहां जाता है कि उस समय मन्या सुर्वे अपने शैतानी दिमाग और रणनीति की योजनाएं बनाने के लिए जाना जाता था, वैसे तो मन्या सुर्वे मुंबई का रहने वाला नहीं था, वह साल 1954 में अपने परिवार के साथ मुंबई में आकर “लोअर परेल की चोल” में रहने लगा था,
आपकी जानकारी के हम आपको बता दें, मन्या सुर्वे मुंबई के कीर्ति कॉलेज से ग्रेजुएट था, उसने अपने कॉलेज के टाइम पर ही अपनी एक गैंग बना ली थी,
मन्या सुर्वे ने अपनी गैंग में खासतौर पर सुमेश देसाई और भार्गव दादा को शामिल कर रखा था, जो कि पहले से ही गैंगस्टर के रूप में जाने जाते थे और वह कई लोगों का मर्डर भी कर चुके थे,
उस समय मुंबई अंडरवर्ल्ड का डॉन पठान भी manya surve और उसकी गैंग से डरता था, मुंबई की जितनी भी बड़ी-बड़ी गैंग थी वह अपना हर बड़ा काम मन्या सुर्वे से ही करवाती थी, इससे मुंबई में उसका एक तरफा राज हो गया था और लोग उससे डरने लगे थे,
मन्या सुर्वे ने अपनी गैंग के साथ मिलकर साल 1969 को दांडेकर नाम के एक व्यक्ति की हत्या की थी, जो कि यह उसका पहला मर्डर था, इस मर्डर को करने के बाद इनकी गैंग ज्यादा दिनों तक पुलिस से छुपकर नहीं रह सकी,
और कुछ ही दिनों में मन्या सुर्वे सहित इनकी गैंग को पकड़ लिया गया था और इन्हें कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी,
इसके बाद मन्या सुर्वे जेल में अपनी सजा भुगतने के बाद फिर से मुंबई आ गया और उसने फिर से अपनी गैंग तैयार की और इस बार उसने काफी ज्यादा लोगों को अपनी गैंग में शामिल कर लिया था।
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मन्या सुर्वे की लाइफ पर बनी फिल्म
अगर आप मन्या सुर्वे की लाइफ को लाइव देखना चाहते हैं, तो आप मन्या सुर्वे की लाइफ पर बनी फिल्म “shootout at wadala” को यूट्यूब पर जाकर देख सकते हैं,
इस फिल्म में जॉन इब्राहिम आपको मन्या सुर्वे का किरदार निभाते हुए नजर आएंगे, जॉन इब्राहिम ने मन्या सुर्वे का काफी अच्छा किरदार निभाया है,
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मन्या सुर्वे की मृत्यु कैसे और कब हुई?
जब मुंबई में मन्या सुर्वे और उसकी गैंग द्वारा आतंकवाद की गतिविधियां बढ़ने लगी तो मुंबई पुलिस ने मन्या सुर्वे की गैंग का एनकाउंटर करना शुरू कर दिया था,
पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी गतिविधियों को तेज किया और मन्या सुर्वे के सभी साथियों को गिरफ्तार करने के साथ साथ उसके कुछ साथियों का एनकाउंटर भी किया,
Manya survey यह सब देखकर पूरी तरह से डर चुका था और जिसके कारण वह पुलिस से बच बचाकर भिवंडी चला गया, इसके बाद मन्या सुर्वे को तलाश करते हुए पुलिस उसके फ्लैट पर पहुंची और वहां की तलाशी लेने पर उन्हें कई गैर कानूनी हथियार, बंदूक, गोला बारूद जैसे घातक हथियार मिले,
पर पुलिस के मन्या सुर्वे के फ्लैट पर पहुंचने से पहले ही मन्या मुंबई छोड़कर भिवंडी में जाकर छुप गया था, इसके बाद 11 जनवरी 1982 कि सुबह के समय मन्या सुर्वे वाघेला के अंबेडकर कॉलेज जंक्शन के पास एक टैक्सी से उतरता हुआ दिखाई दिया था,
और उसी दिन पुलिस ने 1:30 pm पर जब वह है टैक्सी से नीचे उतर रहा था तब ही पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर लिया और उसके ऊपर पांच गोलियां चलाकर उसे वहीं पर मार गिराया,
ऐसा कहा जाता है कि मन्या सुर्वे कि इस लोकेशन का पता पुलिस को दाऊद इब्राहिम ने दिया था, क्योंकि दाऊद इब्राहिम मन्या सुर्वे से काफी ज्यादा डरता था और उसे मरवाना चाहता था, इसलिए उसे मरवाने के लिए पुलिस को उसकी लोकेशन दी थी।
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People also ask: आपके पूछे गए सवाल
Q : मन्या सुर्वे कौन था?
Ans: मन्या सुर्वे अंडरवर्ल्ड का डॉन था, जो पढ़ा लिखा हिंदू समाज का पहला डॉन माना जाता है।
Q : मन्या सुर्वे की पहली चोरी?
Ans: मन्या सुर्वे ने अपनी पहली डकैती एक एंबेसडर कार की करी थी, जो कि 5 अप्रैल 1980 को की गई थी और इस कार का दुरुपयोग करते हुए मन्या सुर्वे ने 5700 रुपए की अपनी पहली चोरी एक लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी मे की थी।
Q : मन्या सुर्वे का पूरा नाम?
Ans: मन्या सुर्वे का पूरा नाम “मनोहर अर्जुन सुर्वे” है।
Q : मन्या सुर्वे को आजीवन जेल कब हुई?
Ans: मन्या सुर्वे ने अपनी गैंग के साथ मिलकर 1969 में एक दांडेकर नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी थी, जिसके चलते पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और कोर्ट द्वारा दांडेकर की हत्या के जुर्म में मन्या सुर्वे को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।
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